बंजारा और घोड़ा - हिन्दी कहानी

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Friday 9 July 2021
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बंजारे का घोडा - हिन्दी कहानी

विषादपुर गांव में एक बंजारा रहता था। बंजारे के पास एक घोड़ा था, घोड़ा बहुत तेज तर्रार और लंबा चौड़ा था।

एक बार की बात है, बंजारा अपने घोड़े पर बैठकर अपने मित्र से मिलने बहुत दूर किसी गांव में जा रहा था वहाँ तक पहुंचने का रास्ता जंगल के बीच से होकर गुजरता था। जंगल में बहुत सारे चोर डाकू और लुटेरे रहा करते थे, जंगली जानवर का भय तो अलग से हुआ करता था।

बंजारा घोड़े के ऊपर बैठकर अपने मार्ग के लिए निकल चुका था। जंगल के बीचो-बीच उसे अचानक एक तालाब दिखाई दिया, उसने सोचा चलकर थोड़ा पानी पीता हूं और घोड़े को भी पानी पिला देता, यही सोच कर वह वहां रुक कर पानी पीने लगा। तभी उसे एक आवाज सुनाई दी -"अरे भाई कोई बचाओ मुझे यहाँ से बहार निकालो। "

बंजारा यह सुनकर अचम्भे में पड़ गया भला इतनी सुनसान जगह पर कौन हो सकता है? तभी उसकी नजर बगल में बने गड्ढे पड़ गई गड्ढे में एक बूढ़ा आदमी दिखा।

बूढ़ा आदमी - मुझे यहाँ से बहार निकालो, मैं कई दिनों से भूखा प्यासा इस गड्ढे में फसा हूँ।

बंजारे को उस बूढ़े आदमी पर दया आ गयी, उसने उसे उस गड्ढे से बहार निकला।

बूढ़ा आदमी - आज तुम्हारी वजह से मैं यहाँ जिन्दा खड़ा हूँ। तुम भले आदमी दिखते हो, मैं यहीं पास ही के गांव में रहता हूँ। घास काटते वक्त धोखे से इस गड्ढे में गिर गया था, अगर तुम ना आते तो न जाने कब तक इसी गड्ढे में पड़ा रहता। अगर कोई मुश्किल आ पड़े तो मेरे पास जरूर आना, मैं तुम्हारी जरूर मदद करूँगा।

इतना कहकर बूढ़े बाबा अपनी झोपड़ी की ओर चल दिए और बंजारा भी अपने रास्ते पर चल दिया।

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एक बार की बात है बंजारे को अपने डेरे पर लौटते समय रात हो गई थी सून-सान रास्ता, सनसनाती हवाएं भयावह जंगल के बीच अपने घोड़े पर बैठा चौकन्नी निगाहें किये मार्ग की ओर अग्रसित था

अचानक पेड़ के नीचे एक आदमी दिखाई दिया उस आदमी ने बंजारे को टोका- अरे ! इतनी रात में कहां जा रहे हो? जंगल की राह! उस पर अकेले! कहीं कोई खतरनाक जानवर मिल गया तो!

बंजारा बोला - करूँ भी तो क्या करूँ डेरे पर जाना ही होगा

वह आदमी बोला - मेरा गांव पास में ही है चलो मेरे साथ रात भर रुकना सुबह अपने डेरे पर चले जाना

बंजारे ने कहा - तुम बेकार में परेशान होते हो

आदमी ने कहा - परेशानी की क्या बात है तुम मेरा घर थोड़ी ना साथ में ले जाओगे।

बंजारा उसकी मीठी बातें सुनकर उसके जाल में फस गया

उस आदमी ने बंजारे को अपने घर में ले जाकर खूब आवभगत की घोड़े को भी एक खूंटे से बांध दिया घोड़े को दाना भी खिलाया बंजारे को खाट पर सुलाया और स्वयं जमीन पर सो गया बंजारा मन ही मन सोचता रहा कितना भला आदमी है यह सोचते सोचते बंजारा चैन की नींद सो गया

सबेरे मुर्गे ने बाँग दी तो बंजारे की नींद खुली वह आदमी और बंजारा उठकर हाथ मुँह धोया और दातुन की। अपने घर पर रात भर रुकने की जगह देने के लिए उस आदमी को धन्यवाद दिया बंजारा चलने के लिए जैसे ही तैयार हुआ और अपने घोड़े की लगाम को ढीलने लगा

वह आदमी चिल्लाया - अरे यह क्या कर रहे हो? मेरा घोड़ा कहां ले जा रहे हो?

बंजारा घबराकर बोला - तुम्हारा घोड़ा ! ये तो मेरा घोड़ा है

वह आदमी डाँटते हुए बोला - चुप रहो यह घोड़ा मेरा है। अभी कल रात को ही तो मेरे खूंटे ने इस घोड़े को जन्म दिया है खूंटा भी मेरा घोड़ा भी मेरा। यह सुनता तो बंजारे के होश ही उड़ गए यह कैसी मुसीबत गले आ पड़ी है ।

बंजारा बोला अरे भाई हंसी-ठिठोली मत करो घोड़ा मेरा है अभी रात में ही तो मै इस पर बैठकर तुम्हारे घर आया था। वह आदमी मानाने को तैयार ही नहीं था दोनों आपस में झगड़ने लगे बंजारा कहता घोड़ा मेरा है वह आदमी भी कहता घोड़ा मेरा है दोनों का झगड़ा सुनकर आदमी के दोनों पड़ोसी भी आ गए

बंजारा पड़ोसियों से कहता है देख लो भैया कैसा अंधेर है यह आदमी बोलता है की कल रात को ही मेरे खूंटे ने इस घोड़े को जन्म दिया है अब आप ही बताइये भला खूंटा कैसे किसी घोड़े को जन्म दे सकता है यह घोड़ा मेरा है .

बंजारे को क्या मालूम था कि वह आदमी और उसके दोनों पड़ोसी ठग है जो मिलजुल कर सीधे साधे आदमियों को ठगा करते है। उन दोनों ने ठग के ही हां में हां मिलाई और बंजारे को डरा धमका कर भगा दिया।

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मुसीबत का मारा हैरान-परेशान बेचारा बंजारा करे भी तो क्या करें । बंजारे को तभी बूढ़े बाबा की याद आई वह जंगल में तालाब के पास बूढ़े बाबा की झोपड़ी को खोजते हुए पहुंचा बंजारे ने बूढ़े बाबा को आवाज लगाई बंजारे की आवाज सुनकर बाबा अपनी झोपड़ी से झट से बाहर निकल आए ।

बाबा ने कहा - अरे बंजारे भाई कैसे हो बंजारे ने घोड़ा छीने जाने की सारी कहानी सुनाई ।

बाबा बोले - चिंता मत करो उन ठगों को ऐसा सबक सिखाऊंगा की जिंदगी भर याद रखेंगे ।

दूसरे दिन बाबा और बंजारा उस गांव के मुखिया के पास जाकर अपनी समस्या बताई और घोड़ा वापिस दिलाने की बिनती की मुखिया ने पंचायत बैठाई और घोड़ा समेत उन लोगों को भी बुलाया

मुखिया ने ठग से कहा - तुमने बंजारे का घोड़ा क्यों ले लिया ।

ठग - मुखिया जी घोड़ा मेरा है अभी कल रात को ही तो मेरे खूंटे ने घोड़े को पैदा किया है । इस बात की गवाही उन दोनों पड़ोसियों ने भी दी - हां हां ऐसा ही हुआ था।

मुखिया यह सुनकर सोंच में पड़ गया । मुखिया जनता था की यह आदमी और इसके दोनों पड़ोसी चोर है मिल जुल कर सीधे साधे व्यक्ति को लूटते है और झूठी गवाही के कारण हर बार बच जाते है।

बाबा यह सब छल कपट देख रहा था उसने सोचा मौका है वह झूठ मूठ का सोने का नाटक करने लगा ।

मुखिया बाबा को जगा कर पूछा - तुम किसलिए आए हो और यहां सो क्यों रहे हो ।

बाबा बोला - मुखिया जी मै जंगल में तालाब के किनारे रहता हूँ कल रात आपके गांव के ये आदमी घोड़े पर बैठकर आए थे और तालाब के पानी में आग लगा दी। जब मै पानी में लगी आग को बुझाने लगा तो ये लोग मेरी 1000 असरफियाँ चुराकर भाग गए। मै यहाँ अपनी अशर्फियों के लिए आया हूँ इनसे मेरी असरफियाँ दिला दीजिये।

मुखिया बाबा की बात समझ गए उन्होंने ठगों से कहा तुम लोग इस बूढ़े आदमी की 1000 अशर्फियाँ लौटाओ ।

ठग बोलें - मुखिया जी, यह बूढ़ा झूठ बोल रहा है, हमने कोई भी असरफियाँ नहीं चुराई है।

बूढ़ा बाबा - इन्होने ने ही चुराई है मै अपनी आँखों से कल रात को चुराते हुए देखा है।

ठग बोलें - नहीं यह झूठ है। अब आप ही बताइये, भला पानी में आग लगाती है क्या ?

बाबा ने कहा - जब लकड़ी का खूंटा जीते-जागते घोड़े को जन्म दे सकता है, तो पानी में आग क्यों नहीं लग सकती ?

मुखिया बोले - इनका कहना ठीक है। जब खूंटे का घोड़ा हो सकता है, तो पानी में आग क्यों नहीं लग सकती ? या तो घोड़ा इस बंजारे को लौटाओ या 1000 अशर्फियाँ दो.

अब क्या इतना सुनते ही ठगों के होश ही उड़ गए पछता कर ठगों ने बंजारे का घोड़ा लौटाया और मुखिया ने ठगों को गांव से बाहर फेंक दिया बंजारा बाबा की चतुराई की बड़ाई करता हुआ अपने डेरे की ओर लौट गया।

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कहानी की सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें कभी भी दूसरों पर विश्वास नहीं करना चाहिए ।

वैसे तो इस कहानी से हमें कई और सीख भी मिलती है आप हमें कमेंट कर के यह बताएं की इस कहानी से हमें और क्या क्या सीख मिलती है ।

अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट करके बताये । आपके द्वारा किये गए अच्छे कमैंट्स हमें मोटीवेट करते हैं और हम आपके लिए आपके जीवन का मार्गदर्शन करने के लिए ऐसी ही प्रेरणादायक कहानियां लाते रहेंगे ।


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