अभिमान - दिखावे का फल हिंदी कहानी
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Saturday, 31 July 2021
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अभिमान - दिखावे का फल हिंदी कहानी
राजा ने मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त की और उसकी बहुत अच्छी नौकरी लग जाती है, उसे कंपनी की और से काम करने के लिए अलग से आफिस का एक केबिन दे दिया जाता है।
जब राजा पहले दिन आफिस में जाता है और बैठ कर अपने शानदार केबिन को देख रहा होता है तभी उसे दरवाजा खट -खटाने की आवाज आती है दरवाजे पर एक साधारण सा आदमी खड़ा रहता है , पर उसे अंदर आने को कहनेँ के बजाय राजा उसे आधा घँटा बाहर इंतजार करने के लिए कहता है।
आधा घँटा बीतने के पश्चात वह आदमी पुन: आफिस के अंदर जाने की कोशिश करता है, उसे अंदर आते देखकर राजा टेलीफोन में किसी से बात करना शुरु कर देता है. वह फोन पर बहुत सारे पैसों की बाते करता है, अपने ऐशो - आराम के बारे में कई प्रकार की बातें करने लगता है
वह आदमी राजा की सारी बातें सुन रहा होता है, पर राजा फोन पर बड़ी-बड़ी बातें और अपने अमीरी की बातें करना जारी रखता है.
जब राजा की बातें खत्म हो जाती हैं तब जाकर वह उस साधारण आदमी से पूछता है है कि तुम यहाँ क्या करने आये हो ?
वह आदमी राजा को विनम्र भाव से देखते हुए कहता है - साहब, मैं यहाँ टेलीफोन रिपेयर करने के लिए आया हुँ, मुझे खबर मिली है कि आप जिस टेलीफोन से बात कर रह थे वो एक हफ्ते से बंद पड़ा है इसलिए मैं इस टेलीफोन को रिपेयर करने के लिए आया हूँ।
इतना सुनते ही राजा शर्म से लाल हो जाता है और चुप-चाप केबिन से बाहर चला जाता है।
उसे उसके दिखावे का फल मिल चुका होता है.
कहानी का सार यह है कि जब आप सफल होते हैं तब आप अपने आप पर बहुत गर्व महसूस करते हैं और यह स्वाभाविक भी है। गर्व करने से हमें स्वाभिमानी होने का एहसास होता है लेकिन, एक सीमा के बाद ये अहंकार का रूप ले लेता है तथा आप स्वाभिमानी से अभिमानी बन जाते हैं एवं अभिमानी बनते ही आप दूसरों के सामने दिखावा करने लगते हैं ।
कहानी की सीख
अतः हमें ध्यान रखना चाहिए कि चाहे हम कितने भी सफल क्यों ना हो जाएं व्यर्थ के अहंकार और झूठे दिखावे में ना पड़ें अन्यथा राजा की तरह हमे भी कभी न कभी शर्मिंदा होना पड़ सकता है।
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