किसान और चट्टान - farmer and rock

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Sunday 1 August 2021
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किसान और चट्टान - farmer and rock

एक गांव में किसान रहता था. वह जमीन के एक बड़े से हिस्से में खेती किया करता था ।

उसके खेत के बीचो-बीच पत्थर का एक हिस्सा ज़मीन से ऊपर निकला हुआ था जिससे ठोकर खाकर वह कई बार किसान गिर चुका था और ना जाने कितनी ही बार उससे टकराकर किसान के खेती के औजार भी टूट चुके थे ।

रोजाना की तरह एक दिन वह सुबह-सुबह खेती करने अपने खेत पर पहुंचा पर जो बरसों से होता आ रहा था वही फिर से हुआ , एक बार फिर से किसान का हल उसी पत्थर से टकराकर टूट गया ।

किसान बहुत क्रोधित हो उठा , और उसने मन ही मन सोचा की आज चाहे जो भी हो जाए वह इस चट्टान को ज़मीन से निकाल कर अपने खेत के बाहर फ़ेंक देगा ।

Farmers story

वह तुरंत गांव गया और गाँव से 4 -5 लोगों को बुला लाया और सभी को लेकर वह खेत में उस पत्त्थर के पास पहुंचा ।

किसान बोला - मित्रों , ये देखो खेत में निकले चट्टान के इस हिस्से ने मेरा बहुत नुकसान किया है, और आज हम सभी को मिलकर इसे जड़ से निकालकर खेत के बाहर फ़ेंक देना है ।

और ऐसा कहते ही किसान फावड़े से पत्थर के किनार वार करने लगा, पर ये क्या !

अभी उसने एक-दो बार ही फावड़े से वार किया था की पूरा-का पूरा पत्थर ज़मीन से बाहर निकल आया ।

वहां खड़े लोग भी अचरज में पड़ गए और उन्ही में से एक ने हँसते हुए पूछा - क्यों भाई ? तुम तो कहते थे कि तुम्हारे खेत के बीचो - बीच एक बड़ी सी चट्टान दबी हुई है , पर ये तो एक मामूली सा पत्थर निकला ।

किसान भी आश्चर्य में पड़ गया वरषों से वह जिस पत्थर को एक भारी-भरकम चट्टान समझ रहा था दरअसल वह तो बस एक छोटा सा पत्थर था ।

किसान को बहुत पछतावा हुआ कि काश उसने पहले ही इस पत्थर को निकालने का प्रयास किया होता तो उसे इतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता और ना ही गांव वालों के सामने उसका मज़ाक बनता ।

दोस्तों, उस किसान की तरह ही हम भी कई बार ज़िन्दगी में आने वाली छोटी-छोटी बाधाओं को बहुत बड़ा समझ लेते हैं और उनसे निपटने की बजाये हम तकलीफ उठाते रहते हैं ।

आवश्यकता इस बात की है कि हम बिना समय गंवाएं उन मुसीबतों से लडें , और जब हम ऐसा करेंगे तो कुछ ही समय में चट्टान सी दिखने वाली मुसीबत एक छोटे से पत्थर के समान दिखने लगेगी जिसे आसानी से हम ठोकर मार कर आगे बढ़ सकते हैं ।

आशय यह है की जीवन में आने वाली मुसीबतों को बड़ा मानकर उन्हें झेलने की बजाय उनका सामना करना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए ।

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