कारपेंटर का आखिरी काम - The last Work of carpenter
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Sunday, 1 August 2021
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आखिरी काम - The last Work
एक बूढ़ा कारपेंटर अपने काम के लिए काफी जाना जाता था , उसके द्वारा बनाये गए लकड़ी के घर दूर -दूर तक प्रसिद्ध थे । बूढा हो जाने के कारण कारपेंटर ने सोचा कि अब बाकी की ज़िन्दगी आराम से गुजारी जाए ।
अगले दिन वह सुबह-सुबह अपने मालिक के पास पहुंचा और बोला - ठेकेदार साहब , मैंने बरसों आपकी सेवा की है कई घर बनाये हैं पर अब मैं अपने जीवन का बाकी का समय आराम से पूजा-पाठ में बिताना चाहता हूँ , कृपया मुझे काम छोड़ने की अनुमति दें ।
कारपेंटर को ठेकेदार बहुत मानता था , इसलिए उसे ये सुनकर ठेकेदार को थोडा दुःख हुआ पर वो कारपेंटर को निराश नहीं करना चाहता था ।
उसने कहा - आप यहाँ के सबसे अनुभवी कारपेंटर हैं , आपकी कमी यहाँ कोई भी पूरी नहीं कर पायेगा लेकिन मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि जाने से पहले आप एक आखिरी काम करते जाइये ।
कारपेंटर ने पूछा - जी , क्या काम करना है ?
ठेकेदार ने कहा - मैं चाहता हूँ कि आप काम छोड़ने से पहले एक और लकड़ी का घर तैयार कर दीजिये ।
कारपेंटर इस काम के लिए तैयार हो गया .ठेकेदार ने घर बनाने के लिए ज़रूरी पैसे दिए ।
कारपेंटर ने अगले दिन से ही घर बनाना शुरू कर दिया ।
पर ये जान कर कि ये उसका आखिरी काम है और इसके बाद उसे कुछ और काम नहीं करना होगा वो थोड़ा ढीला पड़ गया .।
पहले जहाँ कारपेंटर बड़ी सावधानी से लकड़ियाँ चुनता और काटता था अब वह ये सब बस काम चालाऊ तरीके से करने लगा ।
कुछ ही हफ्तों में घर तैयार हो गया और कारपेंटर ठेकेदार के पास पहुंचा ।
कारपेंटर ने ठेकेदार से कहा - ठेकेदार साहब , मैंने अपना आखिरी काम समाप्त कर लिया है और घर तैयार कर दिया है , अब तो मैं काम छोड़ कर जा सकता हूँ न ?
ठेकेदार बोला - जी हाँ , आप बिलकुल अपना काम छोड़कर जा सकते हैं लेकिन, अब आपको अपने छोटे से पुराने घर में रहने की ज़रुरत नहीं है , क्योंकि इस बार जो घर आपने बनाया है वह आपकी बरसों की मेहनत का इनाम है जाइये अपने परिवार के साथ उस घर में खुशहाली से रहिये .।
कारपेंटर यह सुनकर स्तब्ध रह गया ।
वह मन ही मन सोचने लगा - कहाँ मैंने दूसरों के लिए एक से बढ़ कर एक घर बनाये और अपने घर को ही इतने घटिया तरीके से बना बैठा ... क़ाश मैंने ये घर भी बाकी घरों की तरह ही सुन्दर और मजबूत बनाया होता।
यह सब सोचकर कारपेंटर बहुत पछता रहा था अब उसके पास पछताने के आलावा कुछ नहीं था ।
दोस्तों, कब कौन सा काम आपका किस तरह आपको प्रभावित कर सकता है ये बताना मुश्किल है. ये भी समझने की ज़रुरत है कि हमारा काम हमारी पहचान बना भी सकता है और उसे ख़राब भी सकता है. इसलिए हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम हर एक काम अपनी दक्षता के साथ करें फिर चाहे वो काम हमारा आखिरी काम ही क्यों न हो! ।
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